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रानी मधुमWhy Does the Male Honeybee Die Immediately After Mating With the Queen? – A Scientific Explanationक्खी से संबंध बनाते ही नर मधुमक्खी क्यों मर जाता है? – एक वैज्ञानिक सच|
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क्या रानी मधुमक्खी से संबंध बनाते ही नर मधुमक्खी मर जाता है? रानी मधुमक्खी अपने विवाह उड़ान के दौरान नर मधुमक्खियों से घिरी हुई – यह उड़ान नर मधुमक्खियों के लिए अंतिम होती है। प्रकृति की दुनिया जितनी सुंदर और आकर्षक है, उतनी ही रहस्यमयी और जटिल भी है। मधुमक्खियाँ हमारी धरती के सबसे मेहनती और सामाजिक जीवों में गिनी जाती हैं। उनका जीवन, उनका कार्य और उनका समाज एक अनुशासित व्यवस्था का बेहतरीन उदाहरण है। लेकिन जब हम इनके प्रजनन जीवन को समझते हैं, तो हमें कुछ ऐसी सच्चाइयाँ सामने आती हैं जो चौंका देती हैं। उन्हीं में से एक है – नर मधुमक्खी की मृत्यु। बहुत लोगों ने यह सुना होगा कि जैसे ही नर मधुमक्खी रानी मधुमक्खी से संबंध बनाता है, वह मर जाता है। यह सुनने में जितना अजीब लगता है, उतना ही यह सत्य भी है। लेकिन इसका कारण केवल एक जीववैज्ञानिक प्रक्रिया है, कोई रहस्यमयी शक्ति नहीं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं। मधुमक्खियों का पूरा जीवन एक सुव्यवस्थित समाज की तरह चलता है। एक छत्ते में हजारों कार्यकर्ता मधुमक्खियाँ होती हैं जो अधिकतर मादा होती हैं लेकिन वे अंडे नहीं देतीं। इनमें से केवल एक होती है र...
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जहरीला चलन भाग - 1[ दहेज प्रथा पर आधारित]
दृश्य:प्रथम। अंक प्रथम। इस कथानक के सभी कहानी तथ्य पूर्णतया काल्पनिक है___ लेखक जहरीला चलन [ दहेज प्रथा पर लिखी कहानी] लेखक - केदारनाथ भारतीय अविनाश के टूटे- फूटे कच्चे मकान के बाहर बैंड – बाजों सहित बारात का आगमन होने में बस कुछ ही समय शेष बचे हुए हैं।झालर - मोतियों से जगमगाता हुआ वह विपन्न सदन, स्वयं में अति सौंदर्य धारण किए हुए शांत स्वरूपों में मुस्कुरा रहा है। सेवाराम दो - तीन बुजुर्गों के साथ अविनाश के एक छोटे से ड्राइंग हाल में बैठा हुआ धीरे - धीरे चाय की चुस्कियां ले रहा है।सभी के सिरों में पगड़ियां बंधी हुईं हैं। उनके दाएं बाएं जवान लड़कों और छोटे मोटे चतुर बच्चों का आना - जाना जारी है।किसी के हाथों में बाल्टी है तो किसी के हाथों में जग और गिलाश है । एक या दो बच्चों के हाथों में चाय की केतलिया है। आज यहां अविनाश की बहन रेखा का विवाहोत्सव है।वे रेखा के होने वाले ससुर है, जिनके चरित्रों में धन लोलुपता का वास है। अभी द्वार - पूजा निमित्त बाराती गणों और दूल्हे के वैनों को रोके हुए अव...
तुम संग – एक नई दुनिया | भाग 2|Tum sang - ek nai duniya| bhag 2
A story of love, struggle, and self-confidence..." कहते हैं, कुछ मुलाकातें सिर्फ इत्तेफाक नहीं होतीं… वे किस्मत के धागों से बंधी होती हैं। यह कहानी भी एक ऐसे ही प्यार की है, जो वक्त से परे है... एक प्रेम, संघर्ष और आत्म-विश्वास की कहानी... गाँव की गलियों में सन्नाटा था। हर दरवाज़ा, हर खिड़की, हर निगाह जैसे सुमन और अविनाश के बारे में जानती थी, मगर चुप थी। अब दोनों के लिए केवल सपने काफी नहीं थे—उन्हें हिम्मत और रास्तों की भी जरूरत थी। सुमन ने घर में कैद रहते हुए भी हार नहीं मानी। उसने अपनी पुरानी नोटबुक्स छुपाकर रखी थी। जैसे ही मौका मिलता, वह रात में चुपचाप छत पर जाकर पढ़ाई करती। उस शांत अंधेरे में, उसके भीतर उम्मीद की रौशनी जलती रहती। उधर अविनाश भी खेत में काम करने के बाद बचे हुए समय में जी-जान से पढ़ाई करता। उसकी आँखों के नीचे गहरे काले घेरे बन गए थे, पर उसकी आत्मा थकी नहीं थी। एक शाम, गाँव में एक नए स्कूल का उद्घाटन हुआ। सुमन को यह खबर सुनते ही उम्मीद की एक किरण दिखी। उसने अपनी माँ से आग्रह किया, “अम्मा, मुझे फिर से स्कूल जाना है। अगर पढ़ूँगी नहीं, तो क्या बन पाऊँगी?” माँ ने कुछ ...
🔹 तुम संग – एक नई दुनिया 🔹 Tum Sang - Ek Nai Duniya
तुम संग – एक नई दुनिया "कहते हैं, कुछ मुलाकातें सिर्फ इत्तेफाक नहीं होतीं… वे किस्मत के धागों से बंधी होती हैं। यह कहानी भी एक ऐसे ही प्यार की है, जो वक्त से परे है... तुम संग, एक नई दुनिया , भाग 1. एक प्रेम, रोमांच और सपनों की कहानी... पेश है एक अनोखी यात्रा, जहाँ प्रेम की हर धड़कन में नई दुनिया बसती है..। गाँव का सूरज धीमे-धीमे पहाड़ियों के पीछे से झाँक रहा था। खेतों में हल जोतते बैलों की आवाज़ और पक्षियों की चहचहाहट सुबह के सन्नाटे को तोड़ रही थी। इसी गाँव में रहता था अविनाश—एक साधारण किसान परिवार का लड़का, मगर सपने असाधारण। अविनाश की आँखों में एक लक्ष्य था—इंजीनियर बनने का। मगर यह राह आसान नहीं थी। गाँव में शिक्षा को लेकर उदासीनता थी। लोग मानते थे कि पढ़ाई से ज्यादा जरूरी खेतों में काम करना है। फिर भी, वह हर सुबह अपनी पुरानी किताबें उठाता और पीपल के पेड़ के नीचे पढ़ाई करने बैठ जाता। उसी गाँव में रहती थी सुमन —एक तेज-तर्रार लड़की, जिसे पढ़ाई से उतना ही प्यार था जितना अविनाश को। मगर उसके घर की सोच उससे बिल्कुल विपरीत थी। "लड़कियों को ज्यादा पढ़ने की क्या जरूरत...
Prime Minister Modi's Visit to Prayagraj: Transforming the Spiritual City for Mahakumbh 2025. "महाकुंभ 2025 की ओर: प्रधानमंत्री मोदी का प्रयागराज दौरा और विकास की नई शुरुआत"
13 दिसंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज का दौरा किया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य महाकुंभ 2025 की तैयारियों की समीक्षा और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करना था। यह दौरा उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी योजनाओं और प्रयागराज के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं भौतिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। महाकुंभ 2025: एक वैश्विक आयोजन महाकुंभ 2025, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। इसे भव्य और व्यवस्थित रूप से आयोजित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारी की है। इस आयोजन के लिए विशेष रूप से "महाकुंभनगर" नामक एक नया जिला घोषित किया गया है। यह आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होगा, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की तैयारियों को सुचारू बनाने के लिए 6,670 करोड़ रुपये की लागत से अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें नई सड़कों, फ्लाईओवर, स्थायी घाट, और आधुनिक बुनियादी ढांचा शामिल है। प्रधानमंत्री का दौरा: मुख्य गतिविधियां