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पहलगाम आतंकी हमला 2025 |
22 अप्रैल 2025 को, जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत और शांत माने जाने वाले पर्यटन स्थल पहलगाम की वादियों में गोलियों की गूंज सुनाई दी। जहां कभी पर्यटक प्रकृति के संगीत में खो जाया करते थे, आज वहीं गोलियों और धमाकों की आवाज़ों ने हर किसी का दिल दहला दिया।
शाम करीब 6:15 बजे सुरक्षाबलों का काफिला जब पहलगाम के पास से गुजर रहा था, तभी अचानक घात लगाकर बैठे आतंकियों ने हमला कर दिया। पहले ग्रेनेड फेंका गया, फिर अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं। इस हमले में अब तक दो जवानों के शहीद होने की खबर है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। मुठभेड़ अब भी जारी है और तीन आतंकियों को सुरक्षा बलों ने घेर लिया है।
यह हमला ना सिर्फ सुरक्षाबलों पर है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र, हमारी एकता और हमारी शांति की भावना पर हमला है। जो वादी कभी प्रेम और सुंदरता की मिसाल मानी जाती थी, वहीं अब आतंक का काला साया फिर से लौटने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हम सबको यह याद रखना चाहिए – भारत डरता नहीं, भारत रुकता नहीं।
हमारे सुरक्षाबल हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं। इस हमले के कुछ ही मिनटों के भीतर इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया। बम निरोधक दस्ते, विशेष बल, और स्थानीय पुलिस हर दिशा में तलाश अभियान चला रही है। चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है ताकि कोई भी आतंकी भाग न सके।
शहीद हुए जवानों की पहचान की प्रक्रिया जारी है, लेकिन देश का हर नागरिक आज अपने इन बेटों की बहादुरी को सलाम कर रहा है। ये वो लोग हैं जो हमारे चैन और शांति की कीमत अपने लहू से चुकाते हैं। आज अगर हम अपने परिवार के साथ सुरक्षित बैठे हैं, तो उसकी वजह यही जवान हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है, “हमारा एक-एक जवान हमारे लिए अनमोल है। उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। आतंकियों को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।”
गृहमंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लगातार हालात की निगरानी की है। देशभर से नेताओं और आम नागरिकों की ओर से श्रद्धांजलियों का सैलाब उमड़ पड़ा है।
ऐसे समय में मीडिया की भूमिका बेहद अहम होती है। जनता से अपील है कि अफवाहों पर विश्वास न करें। केवल सरकार द्वारा जारी आधिकारिक सूचनाओं पर ध्यान दें। किसी भी अनजान वीडियो, तस्वीर या खबर को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता जांचें।
ये एक ऐसा सवाल है जो हर भारतीय के दिल में है – आख़िर कब तक हम अपने जवानों की अर्थी को कांध देंगे? कब तक माताएं अपने लाल को तिरंगे में लिपटे देखती रहेंगी? कब तक आतंकवाद इस खूबसूरत धरती को लहूलुहान करता रहेगा?
लेकिन जवाब भी हमारे पास है – जब तक एक भी भारतीय जीवित है, तब तक ये देश अपने दुश्मनों के सामने झुकेगा नहीं। हर हमला हमें और मज़बूत बनाता है, हर बलिदान हमारी चेतना को और गहरा करता है।
अंत में – एक वादा
हम सबका यह कर्तव्य है कि हम शहीदों की कुर्बानी को न भूले। हमें आतंक के खिलाफ एक विचारधारा के रूप में खड़ा होना होगा। यह लड़ाई केवल बंदूक से नहीं, बल्कि विचारों, एकता और संकल्प से जीती जाएगी।
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