Featured post

माँ का अधूरा सपना

चित्र
यह कहानी माँ के सपनों और संघर्ष की प्रेरणादायक कहानी है। पढ़िए यह भावनात्मक माँ पर कहानी हिंदी में। जब माँ मुस्कुराती है, तो सारी परेशानियाँ छोटी लगती हैं।  बचपन की खुशबू कितनी अजीब बात है — जब हम बड़े होते हैं तो हमें अपने बचपन की खुशबू याद आने लगती है। आदित्य भी अब वही महसूस कर रहा था। वह दिल्ली की भीड़ में फँसा एक छोटा सा आदमी था, लेकिन उसके मन में एक गाँव बसता था — जहाँ उसकी माँ रहती थी। आदित्य के लिए माँ सिर्फ़ एक रिश्ता नहीं थी, बल्कि उसका पूरा संसार थी। जब वह छोटा था, माँ हर सुबह उसे जगाते हुए कहती — “बेटा, एक दिन तू बड़ा आदमी बनेगा।” उस समय आदित्य को हँसी आती थी। उसे लगता था — माँ बस मनाने के लिए कहती है। पर अब वही बात उसकी आँखों में आँसू बनकर उतर आती थी।  संघर्ष और माँ का त्याग आदित्य का बचपन गरीबी में बीता। माँ ने कभी अपनी भूख की परवाह नहीं की। वह खेतों में मजदूरी करती, फिर घर आकर रोटी बनाती, और बेटे की कॉपी-किताबें दुरुस्त करती। कभी-कभी बिजली नहीं होती, तो वह दीए की रोशनी में बेटे को पढ़ाती। माँ का सपना था कि आदित्य “अफसर” बने। पर हालात इतने कठिन थे कि स्कूल की फीस ...

अक्षय तृतीया भारतीय संस्कृति का साधक|Akshaya Tritiya: The Devotee of Indian Culture

अक्षय तृतीया पर्व पर दीपक, सोने का सिक्का और भारतीय परंपरा की झलक
अक्षय तृतीया की शुभकामनाएँ – समृद्धि, ज्ञान और आध्यात्मिक ऊर्जा का पर्व


अक्षय तृतीया: शाश्वत समृद्धि और शुभारंभ का पर्व

लेखक: Nagendra Bharatiy

भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर पर्व केवल रीति-रिवाज नहीं, बल्कि जीवन-दर्शन की अनुभूति कराता है। ऐसा ही एक अनुपम पर्व है अक्षय तृतीया, जिसे 'अविनाशी शुभ मुहूर्त' कहा जाता है। यह पर्व न केवल स्वर्ण ख़रीदने या निवेश का दिन है, बल्कि यह एक नई शुरुआत, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है।

अक्षय तृतीया का अर्थ और महत्व

'अक्षय' का अर्थ होता है - जो कभी क्षय न हो, यानी नष्ट न होने वाला। 'तृतीया' यानी वैसाख मास की तीसरी तिथि। इस दिन किया गया पुण्य कार्य, दान, पूजा, या शुभारंभ अनंत फल देने वाला माना जाता है। यही कारण है कि अक्षय तृतीया को सर्वसिद्ध मुहूर्त भी कहा गया है - एक ऐसा दिन जिसमें किसी भी कार्य को बिना पंचांग देखे शुरू किया जा सकता है।

पौराणिक महत्व

इस दिन से जुड़ी अनेक दिव्य कथाएँ हैं:

  • श्री परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया को हुआ था – जो भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं।
  • महाभारत काल में, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को अक्षय पात्र का वरदान दिया था, जिससे अन्न की कभी कमी न हो।
  • गंगा अवतरण भी इसी दिन हुआ था – जब माँ गंगा स्वर्ग से धरती पर उतरीं।
  • कुबेर को इसी दिन से धन के देवता के रूप में पूजा जाना शुरू हुआ।

इन सभी घटनाओं से स्पष्ट होता है कि यह दिन केवल भौतिक नहीं, बल्कि आत्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव है।

आधुनिक जीवन में अक्षय तृतीया की भूमिका

आज के समय में जब लोग व्यस्त जीवन, भौतिक दौड़ और आर्थिक अनिश्चितता से जूझ रहे हैं, तब अक्षय तृतीया एक अवसर बनकर आता है – जीवन को फिर से सहेजने का, एक नई शुरुआत करने का।

  • निवेश और समृद्धि: लोग इस दिन सोना, चाँदी, भूमि, शेयर या डिजिटल गोल्ड जैसी चीज़ों में निवेश करते हैं – क्योंकि यह विश्वास है कि आज का किया गया निवेश कभी खत्म नहीं होता।
  • शादी और गृहप्रवेश: अक्षय तृतीया पर लाखों शादियाँ होती हैं। यह प्रेम, सहयोग और नई ज़िंदगी की शुरुआत का प्रतीक बनता है।
  • दान और सेवा: इस दिन ज़रूरतमंदों को जल, अन्न, वस्त्र या पैसे का दान करना, अपने जीवन में स्थायी शुभ फल लाता है।

भावनात्मक और पारिवारिक जुड़ाव

अक्षय तृतीया केवल एक व्यक्ति का नहीं, पूरे परिवार का पर्व है। माँ अपने बच्चों के लिए सोने की चीजें खरीदती हैं, पिता निवेश की योजना बनाते हैं, दादा-दादी पुरानी कथाएँ सुनाते हैं, और पूरा परिवार मिलकर पूजा करता है। यह दिन हमें जोड़ता है – अतीत से, परंपराओं से, और भविष्य की आशाओं से।

आत्मिक अक्षय तृतीया

जहाँ लोग सोने-चाँदी में निवेश करते हैं, वहीं एक सच्चा निवेश अपने संस्कारों, विचारों और कर्मों में करना भी ज़रूरी है। इस दिन हम यह संकल्प लें:

  • किसी की मदद करें – बिना स्वार्थ।
  • क्रोध और ईर्ष्या का त्याग करें – आत्मिक शांति के लिए।
  • कुछ नया सीखें – जैसे कोई किताब पढ़ना, कोई नई भाषा या हुनर।
  • अपने बड़ों से आशीर्वाद लें – क्योंकि उनके अनुभवों में अक्षय ज्ञान छुपा है।

पर्यावरण के लिए अक्षय सोच

इस अक्षय तृतीया पर केवल सोने की नहीं, हरियाली की भी पूजा करें। एक पौधा लगाएँ। किसी नदी या तालाब की सफाई करें। यह एक ऐसा निवेश होगा जो केवल हमें नहीं, अगली पीढ़ियों को भी अक्षय सुख देगा।

इस अक्षय तृतीया, शुभ चीज़ें खरीदें और समृद्धि की शुरुआत करें – यहाँ क्लिक करें"


युवा पीढ़ी के लिए संदेश

नवजवानों को यह समझना होगा कि अक्षय तृतीया केवल Instagram Story या WhatsApp Status तक सीमित नहीं है। यह वह दिन है जब आप अपने ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत कर सकते हैं – चाहे वो एक स्टार्टअप हो, एक किताब लिखना हो, यूट्यूब चैनल शुरू करना हो या फिर किसी नई स्किल को सीखने का पहला कदम।

एक दीपक, एक संकल्प

आज की रात एक दीपक जलाएँ – अपने घर के मंदिर में या अपने दिल में। और यह संकल्प लें कि इस बार अक्षय तृतीया केवल सोना खरीदने तक नहीं रहेगी, बल्कि जीवन में अक्षय ऊर्जा, अक्षय प्रेरणा और अक्षय अच्छाई लाने का कारण बनेगी।

आपको और आपके परिवार को अक्षय तृतीया की शुभकामनाएँ!
ईश्वर करें आपके जीवन में सदैव अक्षय सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।

– Nagendra Bharatiy
लेखक | Blogger 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जहरीला चलन भाग - 1[ दहेज प्रथा पर आधारित]

तुम संग – एक नई दुनिया | भाग 2|Tum sang - ek nai duniya| bhag 2

तुम संग – एक नई दुनिया Tum Sang - Ek Nai Duniya

Vivo Y20 V2029.|कम कीमत में दमदार स्मार्टफोन का अनुभव

भारत में राष्ट्रपति का पद सबसे ऊंचा क्यों है ?

EPS 95|Employees’ Pension Scheme 1995.

रानी मधुमWhy Does the Male Honeybee Die Immediately After Mating With the Queen? – A Scientific Explanationक्खी से संबंध बनाते ही नर मधुमक्खी क्यों मर जाता है? – एक वैज्ञानिक सच|

तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा, (सुभाष चंद्र बोस का योगदान)

UP पंचायत चुनाव 2025, अब गांव बदलेगा, जब हम सही नेता चुनेंगे | UP Panchayat Election 2025, Let’s Change Our Village by Choosing the Right Leader

भारत और थाईलैंड – दो राष्ट्र, एक आत्मा|India and Thailand – Two Nations, One Soul.