मोहर्रम का इतिहास|The History of Muharram

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Doctor sir ANM |
दरअसल बात है, उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव बड़ेली की।
मिट्टी की खुशबू, बैलों की चरचराहट और खेतों के बीच बसी एक प्यारी-सी दुनिया।
वहीं एक लड़की थी – चंचल, होशियार और हमेशा मुस्कुराने वाली – उसका नाम था सोनाली।
12वीं की परीक्षा पास कर ली थी उसने, लेकिन घर की हालत ऐसी नहीं थी कि कोई बड़ी पढ़ाई का सपना देखा जाए। पिता किसान थे, मां आंगनवाड़ी में सहायिका। दो छोटे भाई-बहन थे, जिन्हें संभालने में सोनाली मां की दाहिनी हाथ बन चुकी थी।
एक दिन सोनाली अपनी मां के साथ गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गई। वहां एक सादी सी साड़ी में, पर चेहरे पर आत्मविश्वास लिए बैठी महिला ने उसे बहुत प्रभावित किया। लोगों ने उन्हें ‘डॉक्टर जी ANM’ कहकर बुलाया।
सोनाली के अंदर कुछ जग गया।
उस दिन उसने घर लौटकर इंटरनेट खंगाला, पास के नर्सिंग कॉलेज में जाकर जानकारी ली और जाना कि ANM मतलब Auxiliary Nurse Midwifery।
“मैं भी तो ऐसा काम कर सकती हूं… माएं, बहनें, बच्चे, सबकी सेवा कर सकूं – और साथ में नौकरी भी पा जाऊं!”
सोनाली का सपना अब आकार ले रहा था। उसने कॉलेज में दाख़िला लिया।
ANM का कोर्स दो साल का था – एक साल क्लासरूम में और छह महीने का प्रैक्टिकल।
उसे पहली बार लगा – "मैं सिर्फ एक छात्रा नहीं, एक सेविका भी हूं।"
दो साल बाद सोनाली को पहली पोस्टिंग मिली – अपने ही गांव बड़ेली में।
जिस डॉक्टर जी को देखकर उसने सपना देखा था, आज उसी की जगह वो खुद बैठी थी –
सादे कपड़े, माथे पर बिंदी और गले में स्टेथेस्कोप।
गांव की औरतें अब उसे कहती थीं – "डॉक्टर जी ANM आ गई हैं!"
सोनाली ने सिर्फ दवाइयां नहीं दीं, उसने लोगों की सोच बदली।
गांव बदल रहा था, और इस बदलाव की एक साधारण सी वजह थी – ANM सोनाली, यानी “डॉक्टर जी ANM”।
आज सोनाली को हर महीने ₹25,000 की सरकारी तनख्वाह मिलती है, पर उससे बड़ा है – उसका सम्मान।
वो अब सिर्फ गांव की बेटी नहीं, गांव की सेहत का प्रहरी है।
जहां डॉक्टर नहीं पहुंचते, वहां ANM पहुंचती है – समय पर, सच्चाई से, सेवा भाव से।
सोनाली की कहानी काल्पनिक ज़रूर है, लेकिन ऐसी हज़ारों बेटियाँ भारत में हैं, जो ANM बनकर समाज को बदल रही हैं।
मैं, Nagendra Bharatiy, जब भी ऐसी कहानियां लिखता हूं, तो मेरा दिल भर आता है।
क्योंकि मेरा ब्लॉग www.magicalstorybynb.in सिर्फ जानकारी नहीं देता – वो सपनों की खिड़की खोलता है।
मैं चाहता हूं कि भारत की हर लड़की, जो सीमित साधनों में बड़ी सोच रखती है, उसे ANM जैसे कोर्स की पूरी जानकारी मिले – कहानी की भाषा में, अपनापन और भरोसे के साथ।
अगर आप भी सोनाली जैसी हैं – पढ़ाई में थोड़ी तेज़, दिल में कुछ कर गुजरने का सपना, और पैसों की कमी –
तो ANM कोर्स आपके लिए पहला सीढ़ी है।
आइए, मिलकर समाज को स्वस्थ बनाएं।
क्योंकि ANM सिर्फ एक कोर्स नहीं, ये सेवा है, सम्मान है, शक्ति है।
लेखक: Nagendra Bharatiya
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